Saturday, February 13, 2010

Poetry || A song

Well, I'm sure quite a no. of my friends are gonna be surprised after reading this coz I'm of that "type" who generally, doesn't seem to be fond of old songs. Somehow, I've always been fond of this particular song. It's from the film Mera Saaya (1966):

नैनों वाली ने, हाय मेरा दिल लूटा
नैनों वाली, भोली भाली, एक मतवाली ने, हाय मेरा दिल लूटा
नैनों वाली ने, भोली भाली ने
दिल मेरा लूटा, दिल मेरा लूटा, दिल मेरा हाय हाय हाय हाय हाय
नैनों वाली ने, हाय मेरा दिल loota

*** ऐसे में तेरी आवाज़ कहीं से आई
जैसे पर्वत का जिगर चीर के झरना फूटे |
या ज़मीनों की मोहब्बत में तड़पकर नाह्गाह
आसमानों से कोई शोख सितारा टूटे ||
हुह! चोरी के शेर हैं!

मुस्काती, इठलाती, गाती आई जुल्फें खोले
कोयलिया चुप हो जाए जब उसकी पायल बोले
मुझे दिखाके प्यार भरे दो नैना भोले भोले
नैनों वाली, आहा!
नैनों वाली ने हाय मेरा दिल लूटा

*** पूरी होंगी उनकी सब फरमाईशें
एक भी ना हमसे ताली जाएगी |
आ पड़ा है आशिकी से वास्ता
अब तबियत क्या संभाली जाएगी ?!
प्यार के कैदी, ज़रा संभल जाओ

*** चुप क्यूँ हैं?
ना जाने आज मैं क्या बात कहने वाला हूँ,
ज़बान खुश्क है, आवाज़ रूकती जाती है ||
हुह! मुझसे प्यार होता तो यूँ ना कहते, तो क्या कहता? :-)

नाज़ो अदा से चाँद के आगे घूंघट जब सरकाए
चाँद तड़पकर उसके गोरे कदमों पर गिर जाए
तारे पूछें हुआ है क्या तो चाँद यह बोले हाय!
नैनों वाली, हाँ
नैनों वाली एक मतवाली ने जय मेरा दिल लूटा

नैनों वाली ने, हो भोली भाली ने
दिल मेरा लूटा, दिल मेरा लूटा, दिल मेरा हाय हाय हाय
नैनों वाली ने हाय मेरा दिल लूटा

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